हर माँ के लीये
शोएली बिस्वास द्वारा इक कविता हर माँ की ली। गुटनो सें रेंगता-रेंगता, काब पिरो परा खडा हुआ, तेरी ममता का चव माई जाने का बडा हुआ, काला टीका दुधै मलाई, आजि सब खूच वइसा है, माई ही म्है हग जग, प्यार यार तेरा क्या होगा। सीढा-साधा, भोला-भाला, माई हाय सबेसा हुआ, किटना भी हो जाउ बाड़ा मा! मां अजभी तेरा बच्चा होउ।
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